लागत मौन आब चउके पर......
आइब गेल भाई फेर चुनाव,
मोछ पिजाऊ आर खेलु दाऊ,
काका भैया आहू आऊ,
पान सुपारी खूब दबाऊ,
फाईर फाईर पुरिया के खाऊ,
लागत मौन आब चउके पर......
निकल गेल बरसाती बेंग,
परल छल इ कतौऊ ढेंग,
अखन चलई आइछ देखू रेंग,
जमी कय बना रहल आइछ गेंग,
चिन्ह लीय ई केहन बेंग,
लागत मौन आब चउके पर......
अते दीन जे दादा छल ओ,
नीच कर्म पर सदा छल ओ,
खून चूस पर मादा छल ओ,
आई तेवर में आधा छल ओ,
देखब सभ्य किछु जादा छल ओ,
लागत मौन आब चउके पर......
बेर-बेर आबई आइछी गाम,
बगल में छुरी मुह में राम,
झुकी झुकी करयाई सबके सलाम,
अते दीन जे छल बदनाम,
कोना नाचैया ई आही ठाम,
लागत मौन आब चउके पर......
खाऊ-पियु आर दीयौ वोट,
नई बुझी आई हक़ के छोट,
छूटी ने जाई आहाँ एको गोट,
चिन्ह लीय ककरा में खोट,
नई देखब के कते मोट,
लागत मौन आब चउके पर......
पंकज
bad nik chunab par likhlaun.....badhiya achhi...aur kikhu hum ahak agla post ke pratiksha me chhi........
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