श्रृंगार करू श्रृंगार करू माँ मैथिलि के श्रृंगार करू,
हे मैथिल जन श्रृंगार करू...
नई चाही हिनका आभूषण, नई चाही कोनो बलि अर्पण,
उठू जागु बॉन्हु अपन शिखा के, अपमानक प्रतिकार करू,
हे मैथिल जन श्रृंगार करू.
पंकज
हे मैथिल जन श्रृंगार करू...
नई चाही हिनका आभूषण, नई चाही कोनो बलि अर्पण,
उठू जागु बॉन्हु अपन शिखा के, अपमानक प्रतिकार करू,
हे मैथिल जन श्रृंगार करू.
पंकज