अज्ञानी हम ज्ञान क्षीर स परा रहल छी ,
नै बुझल ओ भाब भ्रम में हरा रहल छी ,
हम कहबि संतान हे माँता आहाँ मैथिलि,
अपने हाथे अपन धरा के हरा रहल छी।
सदबुधि दय रक्षा करू हे माँ ------ पंकज
नै बुझल ओ भाब भ्रम में हरा रहल छी ,
हम कहबि संतान हे माँता आहाँ मैथिलि,
अपने हाथे अपन धरा के हरा रहल छी।
सदबुधि दय रक्षा करू हे माँ ------ पंकज