हम कोनो कवि या कथाकार नई छि, कहियो क मोन में किछो फुरैया ता लिख दे छि, कहल जाइत छाई जे जखन भूख लगत ता किछु खायब ता नीके लागत, तहिना जखन किछु पढ़वाक मोन हुवे तखन जदी हमार ब्लॉग पढ़व ता भा सकैया किछु निको लागी जाई. ओना मिथिला मैथिलि प्रेम सदिखन मोन में बसल आइछ. आहा लोकनिक आशीर्वाद आ सुभकामना के अभिलाषा. आहाँक पंकज